Zara Zara

Bombay S. Jayashri


ज़रा ज़रा बेहेकता है
मेहेकता है आज तो मेरा तन बदन
मैं प्यासी हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों मेंज़रा ज़रा बेहेकता है
मेहेकता है आज तो मेरा तन बदन
मैं प्यासी हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में
है मेरी कसम तुझको सनम दूर कहीं ना जा
ये दूरी केहती है पास मेरे आजा रेयुहि बरस बरस काली घटा बरसे
हम यार भीग जाए इस चाहत की बारिश में
मेरी खुली खुली लटों को सुलझाये
तू अपनी उंग्लियों से मैं तो हूँ इसी ख्वाइश में
सर्दी की रातों में हम सोये रहे एक चादर में
हम दोनों तन्हा हो ना कोई भी रहे इस घर में
ज़रा ज़रा बेहेकता है
मेहेकता है आज तो मेरा तन बदन
मैं प्यासी हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों मेंआजा रे आ रे
तड़पाये मुझे तेरी सभी बातें
एक बार ए दीवाने झूठा ही सही प्यार तो कर
मैं भूली नहीं हसीं मुलाकातें
बेचैन करके मुझको मुझसे यूँ ना फेर नज़र
रूठेगा ना मुझसे मेरे साथिया ये वादा कर
तेरे बिना मुश्किल है जीना मेरा मेरे दिलबर
ज़रा ज़रा बेहेकता है
मेहेकता है आज तो मेरा तन बदन
मैं प्यासी हूँ मुझे भर ले अपनी बाहों में
है मेरी कसम तुझको सनम दूर कहीं ना जा
ये दूरी केहती है पास मेरे आजा रे
आजा रे
आजा रे
आजा रे

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